चांद अपना चेहरा छुपाता कहां है ।
चांद अपना चेहरा छुपाता कहां हैबादलों के बीच अक्सर आता जाता यहां हैहम तेरे दीदार को ऐसे तरस गएबिन बादल के ही हम यूं ही बरस गएजिसे देखकर हम जीते रहे हैंजख्मों को हम सीते रहे हैंजाम पर जाम हम Continue Reading …
Original love poem , romantic songs and gazals .
चांद अपना चेहरा छुपाता कहां हैबादलों के बीच अक्सर आता जाता यहां हैहम तेरे दीदार को ऐसे तरस गएबिन बादल के ही हम यूं ही बरस गएजिसे देखकर हम जीते रहे हैंजख्मों को हम सीते रहे हैंजाम पर जाम हम Continue Reading …