तेरे चेहरे को मैं देखता हूं।

तेरे चेहरे को मैं देखता हूं
दिल संभाले संभलता नहीं है
लाख समझाता हूं दिल को लेकिन
जोर इस पर चलता नहीं है।।

तुम छुपाओगी नजरें हमसे
पर नैनो का बार रुकता नहीं है
छोड़कर मुझको जाना नहीं  तुम
देखे बिना मन भरता नहीं  है।।

मेरे मरने से तुझको क्या हासिल
मरने के बाद यादें मरता नहीं है
शरीर तो राख हो जाएंगे एक दिन
रूहों का भटकाव रुकता नहीं है।।

जो रिश्ते बने हैं अचानक
रिश्तो का धागा टूटता नहीं है
कोशिश तो कर के देखो  बार-बार 
मायूसी के सिवा कुछ मिलता नहीं है। ।

तेरे चेहरे को मैं देखता हूं
दिल संभाले संभलता नहीं है
लाख समझाता हूं दिल को लेकिन
जोर इस पर चलता नहीं है।।