ना खत्म हुआ है सफर तुम्हारा आगे बहुत कुछ बाकी है।

ना खत्म हुआ है सफर तुम्हारा।
आगे बहुत कुछ बाकी है।
साथ साथ जो अब तक चले।
सफर के सब साथी हैं।।

सोचो और समझो।
क्या खोया क्या पाया तुमने।
कुछ दोस्त बने  ,कुछ अपने छूटे ।।

ना खत्म हुआ है सफर तुम्हारा
आगे बहुत कुछ बाकी है।।


 कुछ रिश्ते नाते बिखर गए ।
उनको भी तो संभालना है।
जिनके यहाॅ  तुम जा ना सके।
उनको भी तो मनाना है।।

ना खत्म हुआ है सफर तुम्हारा।
आगे बहुत कुछ बाकी है।।


कर्तव्य के बंधन से बंधे थे ।
आगे अब मुक्त अभिलाषा है।

जो  दिया विभाग को आपने।

वह नई पीढ़ी की आशा है।।

जीवन के हर मोड़ पर तुमने
खुद को संभाला है।

जो बीत गई ,वह बात गई

आगे सिर्फ उजाला है।।


जो आपने पाया  जीवन में।
वह सब को नहीं मिलता है।
खोने की बात ना करना ।

 आगे सिर्फ आशा है।।