नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
नई सीमाएं गढ़ता हूं
हर हदों को तोड़ता हूं
हर दिल को जोड़ता हूं
दुख में भी मुंह नहीं मोड़ता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं ।।
रूठ गए जो कालांतर में
रिश्ता उनसे भी नहीं तोड़ता हूं
हर याद जो मेरे दिल में है
याद उसे मैं करता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
अपने क्या पराए क्या
सब से दिल खोलकर मिलता हूं
चेहरे पर खुशियां झलकें हर पल कोशिश यही मैं करता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं ।।
भूत क्या, भविष्य क्या
वर्तमान पल में जीता हूं
जीवन बहुत खूबसूरत है
यही मान कर चलता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं।।
वजूद रहे या मिट जाए
परवाह नहीं करता हूं
जीवन एक धर्मशाला है
यही मानकर जीता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
जीवन सुख दुख का संगम है
समभाव रखता हूं
रोने से अच्छा मुस्कुराना है
यही मानकर चलता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
स्वर्ग या नरक क्या
अच्छा क्या बुरा क्या
दोस्त क्या दुश्मन क्या
एक तराजू रखता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
इतिहास गढ़ने की चाह नहीं
दिलों में जगह बनाता हूं
सब कुछ यहीं से मिला है
हर संभव यही लूटाता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं
अपनी कोई ख्वाहिश नहीं
प्रेम पाकर पूर्ण हो जाता हूं
हर बीते पल के साथ
नया ऐहसास पाता हूं
नए दोस्त बनाने से नहीं डरता हूं