हम दीवानों की दुनिया,
मत पूछो कैसे होती है ,
जब सारा दूनिया सोती होती है ,
तो आंखें अपनी रोती है
दिल में रहता उमंग हर पल ,
एहसास हर पल होता है ,
मिलता है जो हंसकर हमसे ,
यादों में वह खोता होता है
वफा मोहब्बत अपनी दुनिया ,
नफरत पास नहीं होता है
जीते हैं हम सपनों में
बस चेहरा सामने होता है
हंसते गाते रहते हैं हम
रोना भी अक्सर होता है
चेहरा उनका दिख जाए तो
पुष्प कमल खिलता है
सब कुछ अपना खो देते हैं
किसी के एक मुस्कुराहट पर
सांसे अपनी रुक सी जाती
उनके एक आहट पर
धन दौलत की दुनिया से
हम अक्सर बाहर रहते हैं
प्रेम जहां मिलता है हमको
सर्वस्व निछावर करते हैं
हम दीवानों की दुनिया
मत पूछो कैसे होती है
जब सारा जग सोती है
तो आंखें अपनी रोती है।।