विस्तृत मन का हर कोना,तेरी यादों से है भरा हुआ

विस्तृत मन का हर कोना,
तेरी यादों से है भरा हुआ ,
शख्स और भी है जिंदगी में मेरे
पर तेरी यादों से है सना हुआ ?

निस्तेज पड़ा हूं धरनी पर ,
कुछ भी समझ नहीं आता है,
मेरा मन जहां भी जाता है।
तुझको ही बस पाता है -2

तुझको भुलाने की जब सोचू ,
बैचेन सा मन हो जाता हैं,
बहुत शख्स हैं जीवन में मेरे ,
पर किसी को पास नहीं पाता है।।

विस्तृत मन का हर कोना ,
तेरी यादों से है भरा हुआ ,
शख्स और भी है जिंदगी में मेरे,
पर तेरी यादों से सना हुआ ।।