विस्तृत मन का हर कोना,क्यों तेरी यादों से है भरा हुआ  ,

विस्तृत मन का हर कोना,

क्यों तेरी यादों से है भरा हुआ 

,शख्स और  भी है जिंदगी में मेरे


पर क्यों है तेरी यादों से सना हुआ ?


कुछ उम्मीद नहीं थी पाने की तुझसे ।


पर क्यों तुझे याद करता है ?

 

हर जगह तुम छा गई क्यों?

 

मन मेरा खुद को हाशिए पर रखता है

,
निस्तेज पड़ा हूं धरनी पर ,


कुछ भी समझ नहीं आता है,


मेरा मन जहां जहां भी जाता है।


सिर्फ तुझको ही क्यों पाता है -2


तुझको भुलाने की जब सोचता है ,


सामने  बैचेनी नजर आता है।

 

बहुत लोग हैं जिंदगी में मेरे ,


पर कोई नहीं मुझे समझा पाता है ,


क्यों  तेरी याद मुझे हर पल सताता है ?
विस्तृत मन का हर कोना ।


क्यों तेरी यादों से है भरा हुआ ?


शख्स  और भी है जिंदगी में मेरे,


पर क्यों है तेरी यादों से सना हुआ ?

every corner of the wide mind,
Why is it full of memories of you,
There is another person in my life
But why is it stained with your memories?
I didn’t expect anything from you.
But why does he remember you?
Why are you everywhere?
My mind marginalises itself,
I am lying on the ground
do not understand anything,
Wherever my mind goes
Why does he find only you -2
When I think of forgetting you,
Restlessness is visible in front.
There are many people in my life,
But no one can understand me
Why does your memory haunt me every moment?
Every corner of the wide mind.
Why is it full of your memories?
There is another person in my life,
But why is it stained with your memories?