मोहब्बत नाम कैसे दूं तेरा इज़हार नहीं आया रातों रात में तड़पा था तेरा फोन कॉल नहीं आया मेरी हर कोशिश मिलने की नाकाम जाती है मिलने से पहले ही धड़कन बढ़ती जाती है बहुत देखा तुझे मैंने सोचा बार बार यूं ही मोहब्बत नाम कैसे दूं तेरा इज़हार नहीं आया शर्तो से बंधी चाहत मोहब्बत हो नहीं सकती मेरे हर आंसुओं पर नाम तेरा ही क्यों आया मोहब्बत नाम कैसे दूं तेरा इज़हार नहीं आया चलती हर सांसों पर नाम तेरा ही है लिखा तुम समझ नहीं पाए पैगाम है लिखा तुम मुझसे मिल सको या ना मिलो पर चाह है मुझको मोहब्बत नाम कैसे दूं तेरा इज़हार नहीं आया