यह कविता उन वरिष्ठ निरीक्षकों को सादर समर्पित है, जो अपना पूरा जीवन अपने विभाग को समर्पित किए हैं और अब आशावाद के पथ से विचलित होकर निराशावाद के पथ की ओर अग्रसर हैं और रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं ।आशा करता हूं कि यह कविता सभी को पसंद आएगी।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
अभी तो जिंदगी बाकी है ।।
अभी अभी तो शुरुआत हुई है।
अभी काफी जिंदगी बाकी है ।।
अभी तो बाल सफेद हुए हैं ।
काले करने बाकी हैं ।।
45 बसंत ही गुजरे हैं ।
पता नही अभी भी कितने बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
अभी तो मौज बाकी है।।
अभी तो चेहरे पर झुर्रियां पडे हैं।
फेशियल कराना बाकी है ।।
अभी तो बच्चे छोटे हैं ।
उन्हें समझाना बाकी है ।।
शिक्षा दीक्षा पूर्ण नहीं है ।
संस्कार देना भी बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में।
अभी काफी काम बाकी है।।
मकान तो तैयार हुआ है ।
सजावट अभी भी बाकी है ।।
अब तक काफी नाच चुके हैं।
दूसरों को नचाना बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
अभी तो काम बाकी है ।।
छुट्टियां काफी जमा हुई है ।
अभी तो काटना बाकी है ।।
अभी तो लोन चल रही है ।
बहूत चुकाना बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
अभी तो काम बाकी है ।।
अभी तो बीमारी शुरू हुई है ।
इलाज कराना बाकी है ।।
आयुष्मान कार्ड अभी मिला है।
उपभोग अभी भी बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में।
अभी काम बाकी है
घुटनों की मरम्मत बाकी है।
प्रमोशन अभी एक ही मिला है ।
उम्मीद अभी भी काफी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
चींदी कटना बाकी है ।।
अभी तो नशे कमजोर हुई हैं ।
अश्वगंधा खाना बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में।
अभी तो मौज बाकी है।।
अभी तो यादाश्त कमजोर हुई है।
ब्राह्मी आंवला लेना बाकी है।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में।
काफी काम बाकी है।।
काफी रिश्ते बिखर चुके हैं ।
उन्हें समेटना बाकी है।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
अभी तो काम बाकी है ।।
डीपीसी तो भेजी गई है ।
प्रमोशन आना बाकी है ।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में।
न्याय मिलना बाकी है।।
मत सोच रिटायरमेंट के बारे में ।
काफी काम बाकी है। ।