नजरों और इशारों से ही मेल होता है
दिल मिले तो दिल को फिर जेल होता है
नजरों और इशारों से ही मेल होता है
दिल ना मिले तो फिर रेलम पेल होता है
खोने और पाने का सब चक्कर होता है
चक्कर में ही आदमी घनचक्कर होता है
नजरों और इशारों से मेल होता है
दिल मिले तो दिल को फिर जेल होता है
कट गई जिंदगी तुझको याद करके
मिलने जुलने से ही तो मेल होता है
वक्त की चाहत है तुम आ जाओ
ज्यादा जुदाई होने से बेमेल होता है
नजरों और इशारों से मेल होता है
दिल न मिले तो फिर रेलम पेल होता है।।