नए दोस्त बनाने से डरता हूं ।

नए दोस्त बनाने से डरता हूं ,

पुराने सारे बिछड़ गए,

कुछ छूट गए ,

कुछ रूठ गए ,

कुछ याद रहे,

कुछ भूल गए,

नए दोस्त बनाने से डरता हूं,

 

एहसास जो उनके दिल में है,

महसूस उसे मैं करता हूं ,

कभी हंसता हूं कभी रोता हूं ,

जी कर भी जी नहीं पाता हूं ,

महफिल में भी अकेला रहता हूं ,

नए दोस्त बनाने से डरता हूं ।।

 

जो पल गुजरे ,उनकी यादों में ,

उस पल का मैं एक सारथी हूं,

उसे भूल नहीं पाता अब मैं ,

जितना भी भूलाना चाहता हूं,

नए दोस्त बनाने से डरता हूं ।।

 

अब चाह ना रही नए दोस्त की ,

पुरानी यादें ही संभाल नहीं पाता हूं ,

आंखों के आंसू अब सूख गए ,

पत्थर सा मैं बन जाता हूं,

नये दोस्त बनाने से डरता हूं ।।