तेरे चेहरे को मैं देखता हूं। AuthorSantosh kumar singh / Posted onJune 5, 2023July 4, 2023 तेरे चेहरे को मैं देखता हूंदिल संभाले संभलता नहीं हैलाख समझाता हूं दिल को लेकिनजोर इस पर चलता नहीं है।। तुम छुपाओगी नजरें हमसेपर नैनो का बार रुकता नहीं हैछोड़कर मुझको जाना नहीं तुमदेखे बिना मन भरता नहीं है।। मेरे मरने से तुझको क्या हासिलमरने के बाद यादें मरता नहीं हैशरीर तो राख हो जाएंगे एक दिनरूहों का भटकाव रुकता नहीं है।। जो रिश्ते बने हैं अचानकरिश्तो का धागा टूटता नहीं हैकोशिश तो कर के देखो बार-बार मायूसी के सिवा कुछ मिलता नहीं है। । तेरे चेहरे को मैं देखता हूंदिल संभाले संभलता नहीं हैलाख समझाता हूं दिल को लेकिनजोर इस पर चलता नहीं है।। Related