तेरी नजरों के वो इशारे ,
हमसे तो कुछ कह रही है,
थोड़ा खुलकर सामने आओ ,
मेरी नजरें कुछ और समझ रही है ।।
धोखा ना हो जाए तुमको ,
धोखा ना हो जाए मुझको ,
मेरा दिल पल-पल संभल रही है ,
थोड़ा खुलकर सामने आओ ,
मेरी नजरे कुछ और समझ रही है ।।
तेरी भाव भंगिमा मुझको ,
कुछ – कुछ कह रही है ,
थोड़ा खुलकर सामने आओ ,
मेरी नजरे कुछ और समझ रही है ।।
तेरी दबी दबी इशारे ,
मेरी हलचल बढ़ा रही है ,
थोड़ा खुलकर सामने आओ,
मेरी नजर कुछ और कह रही है ।।
तुम्हें देखते रहे कब तक ,
मेरी धड़कनें बढ़ रही है ,
थोड़ा खुलकर सामने आओ ,
मेरी आंसू ना रुक रही है,
तेरी नजरों के वो इशारे ,
हमसे कुछ कह रही है,
तेरे होठों की वो लालिमा ,
मुझसे इशारे कर रही है ,
मेरे पर यू ना जुल्म ढाओ ,
थोड़ा खुलकर सामने आओ ,
मेरी नजर कुछ और समझ रही है।।