अजीब कशमकश है, जिंदगी ।
कहीं धूप तो कहीं छांव है जिंदगी ।।
कभी खुशी तो कभी गम है जिंदगी ।
कभी रंगों से लबालब है जिंदगी ।
तो कभी बेरंगों की दरबार है जिंदगी।
ऐ जिंदगी तुझसे शिकायत तो बहुत है ।
पर खुशियों की बारात भी तुझसे है जिंदगी ।।
बहते जलधारा की तरह है जिंदगी ।
बारिश की हल्की बौछार की तरह है जिंदगी।
ऐ जिंदगी तुझसे शिकायत तो बहुत है।
पर खुशियों की सौगात तो तुझसे है जिंदगी ।।
कड़कड़ाती ठंड में धूप जैसी लगती है जिंदगी ।
कड़कड़ाती धूप में छांव जैसी लगती है जिंदगी।
नैनों से बहते आंसू धारा में हल्की मुस्कुराहट है जिंदगी।
ऐ जिंदगी तुझसे शिकायत तो बहुत है ।
पर खुशियों की पाने की चाहत तुझसे है जिंदगी।।