बहुत लाचार महसूस करता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं
प्रत्यक्ष रहो या परोछ रहो
सपरिवार रहो या एकांतवास रहो
हर पल मिलने की आस रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं
हर पल अपने दिल में एहसास रखता हूं
नयन में मिलन की आस
खुद को बिंदास रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
अमृत सा जीवन पाने की आस रखता हूं
अनुराग भरा ज्योति का एहसास रखता हूं
एक दिन मिट जाएगी हस्ती सब की
अमिट रहेगी चाहत की कश्ती ।
तुझे पाने की हर आस रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
किंचित मात्र भी क्लेश नहीं
दिल में संवेदना का एहसास रखता हूं
तनु का नष्ट होना अवश्यंभावी है
पर मन में अविरल अमर स्नेह का भाव रखता हूं ।
बिछड़ना नियति का विधान है
बहार मेरे जीवन में आए या ना आए
पर दिल में कस्तूरी सा सुगंध रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
तुम्हारे जीवन में ज्योति कम ना हो
ऐसी आशा और एहसास रखता हूं ।
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
चंदन के वृक्ष पर सारंग की तरह
निपटने का आस रखता हूं
गम का बादल मंडराती है हर पल
पर बारिश की भी आस रखता हूं
बेदाग हृदय से तुझे पाने की
हर पल चाह रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
माना कि तुम खूबसूरत और बेदाग हो
बसंत की खूबसूरती और चांदनी रात का ताज हो
मैं भी निश्चल और अविरल प्रेम की धार रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।
तुम खड़ी रहो मेरे सामने बिना कुछ कहे
फिर भी सब कुछ समझने का अंदाज रखता हूं
क्योंकि तुमसे प्यार करता हूं ।