ऐ जिंदगी तुम इतनी खूबसूरत हो ।

ऐ जिंदगी तुम इतनी खूबसूरत हो ,

सुंदर ,अतुलनीय और सब की जरूरत हो ,

 

भाग्य रेखा वालो को ही तुम मिलती हो ,

,मरने वालों को भी तुम रास आती हो,

,तुम्हारा कोई यथार्थ रूप नहीं ,

हर रूप में तुम दर्शनीय हो ,

,हर पल अनुकरणीय हो ,

तुझे देख कर ही सांसे चलती है ,

चलती सांसों की तूम जरूरत हो ,

ऐ जिंदगी तुम बहुत खूबसूरत हो ,

 

ऐ जिंदगी तुम बदलती हो बार-बार क्यों ,

खुशी और गम का इतना बड़ा अंबार क्यों ,

तुम्हारे रुख मोड़ लेने से सांसे क्यों रुक जाती है,

वापस चलने से लौट आती है ,

करती हो तुम खुशी के साथ गम का संचार,

सांसे रुक सी जाती है जब आता है,

तुम्हारा जाने का विचार,

हे जिंदगी तुम बेवफा क्यों हो,

चल देती हो तुम छोड़कर अचानक,

दो पल की खुशियों के साथ तुम गम ज्यादा देती हो,

आंखों में आंसू और आंखें नम कर देती हो ,

जिंदगी तुम ऐसी क्यों हो , जिंदगी तुम ऐसी क्यों हो ।।