वह हमें दिल से उतार रही होगी ।

वह हमें दिल से उतार रही होगी
कागज पर नाम लिखकर जला रही होगी
उसके जीवन में जो जगह थी मेरी
उस जगह पर किसी को ला रही होगी
वह हमें दिल से उतार रही होगी

हर पल नजरों में उसके रहता था
अब वो नजरे चुरा रही होगी
यादों की जो परते जमी थी दिल पर उसके
उन परतो को वह हटा रही होगी
वह हमें दिल से उतार रही होगी

खरोचों का क्या है दिल पर आ ही जाती है
अब वह जख्मों को सुखा रही होगी
नाम कागज पर लिखकर उसे मिटा रही होगी
वह हमें दिल से उतार रही होगी
कागज पर नाम लिखकर जला रही होगी

हंसने की जो बजह उसने दी थी
उन वजहों को वह किनारे लगा रही होगी
सौगातो की जो यादें उसके दिल पर थी
उन सौगातो को वह ठिकाने लगा रही होगी
वह हमें दिल से उतार रही होगी
कागज पर नाम लिखकर जला रही होगी

नव वर्ष पर जो खुशियां हमसे मिलती थी
उन खुशियों को वह कहीं सरका रही होगी
वह हमें दिल से उतार रही होगी
कागज पर नाम लिखकर उसे जला रही होगी