सर रख कर रोया मैंने तेरे पावन गोद में

सर रख कर रोया मैंने ,तेरे पावन गोद में , सुध -बुध सब खोया मैंने ,तेरे पावन गोद में,   पुरानी याद विस्मृत ना होती , आकर मुझको दंश मारती।। एकाकीपन की शरण में आकर, मेरा मन मुझ पर ही Continue Reading …