हर तरफ मुर्दों की हो गई भरमार कविता संतोष कुमार सिंह द्वारा रचित
हर तरफ मुर्दों की हो गई भरमार सोचने की शक्ति है, तो सोच तो ले भोगने की शक्ति है, तो भोग कर ले खड़े हैं पर सामने , हो रहे अत्याचार मानवता कलंकित है, कानून है लाचार जनता मूकदर्शक है Continue Reading …