कनक हो तुम सनम मेरे
कंचन सा बदन तेरा
चांद भी शर्माए
ऐसा तेज है तेरा ।।-2
कनक हो तुम सनम मेरे…
हीरा भी पड़े फीका
पलके जब उठाती हो
लोहे सा बदन मेरा
पिघल कर मोम हो जाए ।।-2
कनक हो तुम सनम मेरे ….
सोने सा मन तेरा
कांच से क्यों घबराए
तेरे पास जो आ जाए
वापस ना कभी जाए।।-2
कनक हो तुम सनम मेरे …..
लिखा पंजीर पर तेरा
मोहब्बत का दास्तान
कंचन सा दिल मेरा
धड़के है बेशुमार ।।-2
कनक हो तुम सनम मेरे
कंचन सा बदन तेरा
चांद भी शर्माए
ऐसा तेज है तेरा ।।
खुली किताब हो तुम
धतूरा सा नशा तेरा
नजर यूं ना फेरो तुम
आशिक हूं मैं तेरा।।-2
कनक हो तुम सनम मेरे
कंचन सा बदन तेरा ।।
मिटा कर अपनी हस्ती को
रत्न तुमको माना है
सोना चांदी सब कुछ
नहीं मुझको अब पाना है -2
कनक हो तुम सनम मेरे
कंचन सा बदन तेरा
चांद भी शर्माए
ऐसा तेज है तेरा।।-2