एक दर्द मेरे दिल

Lorem ipsum एक दर्द मेरे दिल में ,हर पल क्यों रहता है ,दूरियां चाहे जितनी हो ,ये इश्क बस तुमसे करता है ।।-2 एक दर्द मेरे दिल में ।हर पल क्यों रहता है ।। आते जाते दिखती कहां हो ,बस Continue Reading …

कौन कहता है कि

कौन कहता है कि ,मोहब्बत में मिलना जरूरी है ,वो मोहब्बत ही क्या ,जिसमें मिलना जरूरी है।। होती है मोहब्बत रूहों से,शरीर से नहीं ,होती है बगावत दिमाग से,दिलों से नहीं ।। वो चले गए दूर  तो क्या,उनकी यादें आज Continue Reading …

ऐ मेरी जिंदगी।

ऐ मेरी जिंदगी,  ऐ मेरी हर खुशी , तुझको मैं चाहूं हर पल ? तू है मेरी बंदगी ।   ऐ मेरी जिंदगी ***   तुझसे ही चलती सांसे , तुझेसे ही जीवन है , तू मिल जाए अगर , Continue Reading …

मेरे जज्बात मेरे मन पर इतना भारी है।

मेरे जज्बात मेरे मन पर इतना भारी हैअब तो तेरे हर तालुकात से मेरी यारी हैगमों से लबालब हर पल मेरा दिल रहता हैजब तू नहीं दिखती है तो मन भारी रहता हैएक ऐसी लगन तुमने मेरे दिल को लगाई Continue Reading …

तुम पास नहीं आती हो मेरे ।

पास नहीं आती हो मेरे तुम दूर कहां तुम जाती हो तन मन में तुम हो समाईहर पल तुम याद आती हो।। रचा है ईश्वर ने तुमकोखुद अपने ही हाथों से है इतना कशिश तुझमें सबको खींच  तुम लाती हो।। Continue Reading …

हम तुम्हें देख कर मुस्कुराते रहे ।

हम तुम्हें देख कर मुस्कुराते रहे तेरी गलियों में हर पल आते जाते रहे तेरे बिस्तर से मेरा ना कोई वास्ता हम तो यूं ही नशे में गुनगुनाते रहे मेरी चाहत तेरे बिस्तर से ना है जुड़ी हम तो बस Continue Reading …

मैं हतप्रभ निस्तेज तुझे देखता चला गया ।

मैं हतप्रभ निस्तेजतुझे देखता चला गया -2शून्य छितिज की ओरऐसा बढा  की खो गया हैये क्या हो गया  -2 मैं क्या थाऔर क्या हो गयालाचार बेसहाराऔर बेचैन हुआसूध भी ना रहा स्वयं कीऐसा फंसा कीफंसा रहा वापसी अनिश्चित हुईअपना सब Continue Reading …

तुम अगर नहीं आई तो मैं मुस्कुरा ना पाऊंगा ।

तुम अगर नहीं आईतो मैं मुस्कुरा ना पाऊंगासाथ अगर छोड़ोगी तोखुद को भूल जाऊंगा तुम मगर नहीं आईगीत गा ना पाऊंगाशब्द शब्द भूल जाऊंगासाज कैसे सजाऊंगातुम अगर नहीं आई आंखों में जब आंसू होंगेगला रूंध जाएगायादें तेरी याद आती रहेगीकैसे Continue Reading …

मैं कवि नहीं किसी रस का ,पर  रस से सराबोर  रहता हूॅ ।।

तुम्हारे इशारे भुला ना पायादिल को मैं पत्थर बना ना पायाहो तुम किसी और की अमानत                 रिश्ते की नजाकत समझ ना पाया                  तुम्हारे इशारे भुला Continue Reading …

हर तरफ मुर्दों की हो गई भरमार कविता संतोष कुमार सिंह द्वारा रचित

हर तरफ मुर्दों की हो गई भरमार सोचने की शक्ति है, तो सोच तो ले भोगने की शक्ति है, तो भोग कर ले खड़े हैं पर सामने , हो रहे अत्याचार मानवता कलंकित है, कानून है लाचार जनता मूकदर्शक है Continue Reading …