मत सोचो रिटायरमेंट के बारे में।

यह कविता उन वरिष्ठ निरीक्षकों को सादर समर्पित है, जो अपना पूरा जीवन अपने विभाग को समर्पित किए हैं और अब आशावाद के पथ से विचलित होकर निराशावाद के पथ की ओर अग्रसर हैं और रिटायरमेंट की योजना बना रहे Continue Reading …

जिंदगी क्या है ?

अजीब कशमकश है, जिंदगी । कहीं धूप तो कहीं छांव है जिंदगी ।। कभी खुशी तो कभी गम है जिंदगी । कभी रंगों से लबालब है जिंदगी । तो कभी बेरंगों की दरबार है जिंदगी। ऐ जिंदगी तुझसे शिकायत तो Continue Reading …