शायरी

 

वो भले हमसे दूर रहे ,
पर सुकून से रहे,
रोशन जहां हो हर पल उनसे ,
वो मून सा रहे।।

हम तो चौकोर ठहरे ,
हर पल अपने मुन से दूर रहे ,
टकटकी से देखना हमारी आदत रही ,