मेरे जज्बात मेरे मन पर इतना भारी है
अब तो तेरे हर तालुकात से मेरी यारी है
गमों से लबालब हर पल मेरा दिल रहता है
जब तू नहीं दिखती है तो मन भारी रहता है
एक ऐसी लगन तुमने मेरे दिल को लगाई है
अब तो हर तालुकात से मेरी यारी है
मिटा दे खुद को पर तेरी याद कहां मिटती है
नींद में आकर भी मुझको कुरेदती है
दो पल का जो सुकून था वह छिन गया है
अब तो दिन हो या रात आंसुओं से अपनी यारी है
मेरे जज्बात मेरे मन पर इतना भारी है
अब तो तेरी हर तालुकात से मेरी यारी है
तुझसे बिछड़ता हूं तो चलती मेरे दिल पर दूधारी है
अब तो तेरी हर चाहत से मेरी यारी है
मेरे हंसते हुए चेहरे को देखकर मेरी खुशियों का अंदाजा मत लगाना
अब तो आंसुओं के हर कतरे से मेरी यारी है।।