तलवार को म्यान में रहने दो

इंसान को इंसान ही रहने दो,

धड़क रही है ज्वाला.अंदर ही अंदर,

बाहर बिरान और शांत ही रहने दो ,

तलवार को म्यान में ही रहने दो।

सम्मान का मान रहने दो ,

दिल का मेहमान रहने दो ,

मत करो नीलाम किसी के आबरू को सड़कों पर ,

पर्दे के अंदर ही सम्मान रहने दो,

तलवार को म्यान में ही रहने दो।।

धर्म का सम्मान रहने दो ,

महिलाओं का मान रहने दो

,वीरों का स्वाभिमान रहने दो ,

मत करो निलाम किसी की  संस्कृति को

इसे देश का अभिमान रहने दो

तलवार को म्यान में ही रहने दो ।।

बढ़ रहा है वैमनस्य समाज में, 

धर्म और जाति को लेकर,

बड़ी कीमत पड़ी है चुकानी समाज को,

इसे निर्जन स्थान में रहने दो,

तलवार को म्यान में रहने दो।।

वीरों ने दी है शहादत

देश को आजादी दिलाने में ,

उन्हें दिलों में सम्मान से रहने दो,

मत बांटो उन्हें जाति और धर्म में ,

वीर पुत्र थे वीर पुत्र का का नाम रहने दो,

तलवार को म्यान में रहने दो ।।

जंग छिड़ी है हर जगह सब कुछ पाने की ,

कुछ पुराने विरासत को अपने नाम कर हथियाने की ,

विरासत का सम्मान रहने दो,

तलवार को म्यान में रहने दो ।।

इंसान को इंसान रहने दो,

इंसानियत की पहचान रहने दो ,

विरासत का सम्मान रहने दो ,

मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारा सब की पहचान रहने दो

मत बदलो उनके रूप और रंग को,

सब के दिलों में भगवान का सम्मान रहने दो,

तलवार को म्यान में रहने दो ।।

बढ़ रही है आबादी  दिन -दूनी रात – चौगुनी

संसाधनों का मान रहने दो, 

कोई भूखे ना सोए रातों को, 

दिलों में दूसरे का सम्मान रहने दो ,

तलवार को म्यान में रहने दो ।।

हम दो हमारे दो नारे का समान रहने दो,

संसाधन सीमित हैं देश की ,

हम चार हमारे 16 को बेजान रहने दो ,

देश का सम्मान रहने दो ,

तलवार को म्यान में रहने दो ।।

देश का बंटवारा का सम्मान रहने दो,

थोड़ी सी मान रहने दो ,

मत ललकारो हमें बार-बार

देश की अस्मत का मान रहने दो ,

तलवार को म्यान में रहने दो।।