नीतू कुमारी की हिंदी कविता हवन करो ,हवन करो ।

हवन करो —हवन करो

देश के दुश्मन को ना छोड़ो ,

उत्तर को दक्षिण से जोड़ो ,

पूरब को पश्चिम से जोड़ो ,

हवन करो — हवन करो

समाज के भेड़िए को पकड़ो ,

उसको बेड़ियों में जकड़ो ,

मेहमान बना कर ना रखो,

हवन करो —–हवन करो

जो अंधकार फैलाते हैं,

अत्याचार बढ़ाते हैं ,

धर्म के नाम पर लड़ते ,

बहू बेटियों को छेड़ते हैं ,

हवन करो —हवन करो ,

सुटकेश कांड करने वाले ,

बेटियों को कुचलने वाले

कुकुरमुत्ता की तरह पनपने वाले ,

समाज के भेड़ियों को पकड़ो ,

उनको बेड़ियों में जकड़ो

मेहमान बना कर ना रखो

हवन करो— हवन करो

जालिम कुत्तों को पकड़ो

उनको बेड़ियों में जकडों

मेहमान बनाकर ना रखो

हवन करो — हवन करो ।।