हद से ज्यादा मोहब्बत हुई तुमसे कैसे, -2
जानकर मैं खुद ही हैरान हूं ,
वक्त कटता नहीं , बिन तेरे ए सनम -2
चाहत की अंजाम से हैरान हूं ।-2
हद से ज्यादा मोहब्बत हुई तुमसे कैसे?
हो गई थी जो आदत ,देखने की, तुम्हे
तुमसे मिलने की ,व मुस्कुराने की ,
अब तो नजरे तुम्हें, खोजती है हर पल
अपनी आदत से खुद ही, मैं परेशान हूं।
हद से ज्यादा मोहब्बत हुई तुमसे कैसे?
मुझको ना था पता,
जान बन जाओगी ,
हर पल मुझको
इतना सताओगी ,
सोचा ना था,
जान ले जाओगी।
हद से ज्यादा मोहब्बत हुई तुमसे कैसे?
जानकर मैं खुद ही हैरान हूं ,
वक्त कटता नहीं बिन तेरे ए सनम ,
चाहत के अंजाम से मैं परेशान हूं।
हद से ज्यादा मोहब्बत हुई तुमसे कैसे?