वर्षा जो बरसे दिल AuthorSantosh kumar singh / Posted onSeptember 17, 2024September 19, 2024 वर्षा जो बरसे दिल मेरा तरसे मिलन को हो गए मेरी जान अरसे ।। -2 वर्षा जो बरसे **** बरसात आई , चली भी गई , दिल की प्यास , अनबुझी रह गई ।।-2 बौछारें जिस्म को , बेचैन कर गई , दिल में उठी गर्मी , धुआ बन गई ।।-2 वर्षा जो बरसे , दिल मेरा तरसे , मिलन को हो गए , मेरी जान अरसे।। चिंगारियां जो , दिल में उठे हैं, बिना मिले तुमसे , कहां बुझे हैं ।।-2 सिलसिला मिलन का , कहां अब रही है, पर तेरी चाहत , बढ़ती रही है ।।-2 वर्षा जो बरसे , दिल मेरा तरसे , मिलन को हो गए , मेरी जान अरसे ।।-2 पावस के साथ , तेरी यादें भी आई , आंखों में मेरे , बरसात लाई ।।-2 सोचे जब मन तुझको , दिल तेज मेरा धड़के , पाने को पावस, भूं जैसे तरसे ।।-2 बरसा जो बरसे , दिल मेरा तरसे , मिलन को हो गए , मेरी जान अरसे ।।-2 Related