♥मोहब्बत तुम्ही से है,

 बस तुमसे है मोहब्बत ,

प्रेम लता तुम मेरी ,

बस तुमसे है मोहब्बत ।।-2

 

A red rose in the garden.

इश्क की कश्ती मेरी,

 चली बस तुमसे ,

उतर नहीं जाना कहीं,

 बस तुमसे है मोहब्बत।।-2

 

  राग -अनुराग सब,

 जुड़ी है बस तुमसे ,

आज भी मेरा जीवन ,♥

जड़वत खड़ी है वहीं पे।।-2

 नजरें मिलाकर तुमने ,

मदहोश कर दिया ,

पूछो मत अब हमसे ,

कितना नशा भर दिया।।-3

 

अफीम भी बेअसर है ,

तेरी मोहब्बत का कहर है,

मदिरालय भी है प्यासी,

 तेरे हुस्न का असर है ।।-2

 

मोहब्बत तुम्ही से है ,

बस तुमसे है मोहब्बत ,

प्रेमलता तुम मेरी ,

बस तुमसे है मोहब्बत ।।-2

 

प्रेम भाव से जो ,

तुमने पुकारा ,

सब कुछ छोड़कर,

मैं दौड़ा चला आया।।-2

 

 तूने नशा ऐसा,

 आंखों से पिलाया ,

होश में आया नहीं मैं,

 खुद को ही भुलाया।।-2

 

 मेरी अप्सरा हो तुम,

 तेरे इश्क का मैं मारा,

 हर पल बेचैन हूं मैं,

 तूने कैसा जादू डाला।।-2

 

 मोहब्बत तुम्ही से है ,

बस तुमसे है मोहब्बत,

 प्रेमलता तुम मेरी ,

बस तुमसे है मोहब्बत।।-2♥

यह कविता प्रेम की गहराई और मोहब्बत की दीवानगी को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत करती है। इसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए अपने भावनाओं का इज़हार कर रहा है, उसकी मोहब्बत और चाहत के लिए समर्पण दिखा रहा है। कविता में प्रेम को एक अद्भुत नशा और जुनून की तरह दर्शाया गया है, जो किसी अन्य नशे या भावनात्मक खिंचाव से कहीं अधिक शक्तिशाली है।शब्दों का चयन और भावनाओं की गहराई इसे एक सुंदर प्रेमगीत की तरह बनाते हैं, जिसमें प्रेम की अनंत यात्रा और इसकी तीव्रता को अभिव्यक्त किया गया है।

वो तेरा आना वो तेरा जाना

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