मेरी ख्वाहिश

मेरी ख्वाहिशों को ,वो नजरअंदाज कर गए

जिस के इंतजार में बीते सालों साल ,

वही हमें बर्बाद कर गए ।।

 

कोशिश तो की थी ,मैंने तुझसे दिल लगाने की

पर तुमने कोशिश कि ,मुझे आजमाने की

विश्वास के रिश्ते में विश्वास करना पड़ता है

अपनी चाहत का भी नजरअंदाज करना पड़ता है

कुछ पाने के लिए ,कुछ खोना पड़ता है

कभी तो हंसते हुए भी रोना पड़ता है

मेरी ख्वाहिशों को नजरअंदाज कर गये

जिसके इंतजार में बीते सालों साल

वही हमें बर्बाद कर गए।।