भटका हुआ दिल जो तुमसे मिला है।

 

यह कविता बहुत ही खूबसूरत है और एक भटके हुए दिल की भावनाओं को बखूबी बयान करती है। इसमें प्रेम के उस पलों को महसूस किया जा सकता है जहाँ एक दिल किसी के प्रति बेतहाशा आकर्षित हो जाता है। बिना किसी स्पष्ट कारण के, वह बस उसी पर फिदा हो जाता है।

इसमें इश्क का सफर, खामोशियों की जुबान, और सपनों की नयी दुनिया को बड़े रूमानी अंदाज़ में पेश किया गया है। हर पंक्ति में एक गहराई है जो पाठकों को इस भावनात्मक सफर में शामिल कर लेती है।

 

 

भटका हुआ दिल ,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो,
बस तुम पे फिदा है ।।-2

कोई तो बजह है कि ,
तुमसे ही मिला है ,
भला इस दुनिया में ,
कौन अच्छा लगा है ।।-2

मतलब की दुनिया है ,
कौन किससे मिला है,
बस शिकवा है ,
कहां दिल से गिला है।-3

भटका हुआ दिल,
जो तुमसे मिला है ?
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पे फिदा है।।-2

खामोशियों की भी ,
अपनी जुबान है ,
वजह चाहे जो भी हो ,
बस तुमसे कुछ कहा है ।।-2

इश्क का सफर ,
अब बढ़ने लगा है ,
पर मेरी सांसे ,
ठहरने लगा है ।।-2

नया रंग फिर से
भरने लगा है ,
दिन हो या रात ,
सपने गढ़ने लगा है ।।-2

भटका हुआ दिल ,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पे फिदा है ।।-2

रूमानी है दिल मेरा ,
मोहब्बत जवाॅ है ,
बेचैन दिल है पर ,
तुम पे फिदा है।।-2

भटका हुआ दिल,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पर फिदा है।।-2

भटका हुआ दिल ,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो,
बस तुम पे फिदा है ।।-2

कोई तो बजह है कि ,
तुमसे ही मिला है ,
भला इस दुनिया में ,
कौन अच्छा लगा है ।।-2

मतलब की दुनिया है ,
कौन किससे मिला है,
बस शिकवा है ,
कहां दिल से गिला है।-3

भटका हुआ दिल,
जो तुमसे मिला है ?
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पे फिदा है।।-2

खामोशियों की भी ,
अपनी जुबान है ,
वजह चाहे जो भी हो ,
बस तुमसे कुछ कहा है ।।-2

इश्क का सफर ,
अब बढ़ने लगा है ,
पर मेरी सांसे ,
ठहरने लगा है ।।-2

नया रंग फिर से
भरने लगा है ,
दिन हो या रात ,
सपने गढ़ने लगा है ।।-2

भटका हुआ दिल ,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पे फिदा है ।।-2

रूमानी है दिल मेरा ,
मोहब्बत जवाॅ है ,
बेचैन दिल है पर ,
तुम पे फिदा है।।-2

भटका हुआ दिल,
जो तुमसे मिला है ,
वजह चाहे कुछ भी हो ,
बस तुम पर फिदा है।।-2