आरजू है तुमसे
कैसे फरमाए
ख्वाहिश पाने की
तेरी रही है -2
मनोकामना है रब से
तू मिल जाए मुझको
सहारा बनू मैं
तेरी तन्हाइयों की -2
आरजू है तुमसे
कैसे बताएं
चाहत की बातें
कैसे सुनाएं -2
काश जो मिले तुम
मुझको अकेले
दिली-मुराद मेरी
पूरी हो जैसे-2
उम्मीद कहां थी
कि मुलाकात होगी
उत्कंठा थी इतनी
तुमसे मिलन की -2
आरजू है तुमसे
कैसे बताएं
ख्वाहिश पाने की
तेरी रही है -2
आशा हो तुम
मेरी धड़कनों का
मेरे गुनगुनाने का
व मेरे मुस्कुराने का -2
बादल जब बरसे
तेरा नाम लेकर
उसकी भी आरजू
तुमसे मिलने की -2
आरजू है तुमसे
कैसे बताएं
चाहत की बातें
कैसे छुपाए -2
बूंदें जब छू ले
तुम्हारे बदन को
ख्वाहिश भी उसकी
हो जाए पूरी -2
धड़कनें भी धड़के
तेरा नाम लेकर
आरजू थी दिल की
जो पूरी हो तुमसे -2
आरजू है तुमसे
कैसे बताएं
ख्वाहिश पाने की
तेरी रही है।।