अह्सास तो हुआ तुमको मेरी मोहब्बत का ।

 

एहसास तो हुआ तुमको
मेरी मोहब्बत का
इजहार तो किया तुमने
मेरी मोहब्बत का।।-2

उम्र बीत जाती है
इश्क -इजेहार में
फना हो जाते आशिक
मोहब्बत के बाजार में।।-2

देर लगी थी तुझको
समझने में मुझको
कातिल निगाहों से
देखा था तुमने।।-2

एहसास तो हुआ तुमको
मेरी मोहब्बत का
इजहार तो किया तुमने
मेरी मोहब्बत का।।-2

मजबूरियां तेरी
मेरी भी रही
हर पल रास्ते में
चाहत सीसकती रही।।-2

हो गई अमर मोहब्बत
जब से दूर तुम हुई
छोड़ गई यादें अपनी
बस नजर अंतिम हुई ।। -2

एहसास तो हुआ तुमको
मेरी मोहब्बत का
इजहार तो किया तुमने
मेरी मोहब्बत का।।-2

ढूंढने लगा मैं तुमको
हर एक आंखों में
पर ना मिली कहीं तू
रह गई बस ख्वाबों में।।-2

नकाब से सजी सूरत
जब भी मुझको दिखती है
मेरा दिल जाकर वहां
बस तुझको ढूंढती है।।-2

 

समझने लगा मैं अपना
तेरी हर यादों को
वापस कभी ना आइ
भाने लगी ख्वाबों को।।-2

एहसास तो हुआ तुमको
मेरी मोहब्बत का
इजहार तो किया तुमने
मेरी मोहब्बत का ।।-2